हेलो मेरे दोस्तों मेरा नाम है राज और आज मैं अपनी कामुकता से भरी कहानी सुनाने जा रहा हूँ! मेरी उम्र 26 साल हैं और मैं फरीदाबाद का रहने वाला हूँ.
मैं अपनी नानी के घर उनसे मिलने जा रहा था, घर दूर था तो मैं ट्रैन से जा रहा था! तो मेरी सीट जंहा थी वंहा अलग अलग लोग थे, सब अकेले थे!
दो सीट खाली थी एक मेरी और एक मेरे बगल वाली, मैं अपनी सीट पर बैठ गया! ठण्ड का समय था, सब चाय पी रहे थे!
थोड़ी देर बाद एक भाभी मेरे साथ वाली सीट पर बैठी, उन्होंने सर हिलाके मुझे हेलो कहा और मैंने भी सर हिला दिया!
भाभी कुछ अलग थी वो मुझे बहुत अलग तरीके से देख रही थी, कामुकता की नजरो से!
ऐसा मुझे लगा पर देखते है आगे, तो धीरे धीरे ठण्ड बढ़ गयी और मैंने अपना मुलायम कम्बल निकल लिया और उसे लपेट कर बैठ गया!
फिर भाभी ने खुद बात करना शुरू करदिया, उन्होंने पूछा ये कम्बल कितने का लिया बड़ा मुलायम हैं!
मैंने उन्हें बताया और उन्होंने कहा की थोड़ा मुझे भी दे दीजिये मैं लाना भूल गयी!
ठण्ड बहुत थी तो मैंने उनसे अपना कम्बल शेयर करलिया, हम दोनों अब एक ही कंम्भल में थे!
हम लगातार दुनिया जंहा की बाते कर रहे थे, कुछ देर बाद अचानक उनका पैर मेरे पैर से टच हुआ!
मुझे वो मुहसुस हुआ पर भाभी को नार्मल लगा इसलिए हटाया ही नहीं! थोड़ी देर बात करने के बाद सब सोने लगे और हमारी सीट पर मैं और भाभी ही जगे हुए थे! Savita Bhabhi ki Chudai Train Hindi Sex Story
नींद ज्यादा आ रही थी लोगो को तो उन्होंने लाइट बंद करदी और अब ट्रैन में हो गया अँधेरा!
अब मेरी और भाभी की बाते भी खत्म हो गयी थी, बस ट्रैन की आवाज आ रही थी और सब शांत था! कुछ देर बाद भाभी का हाथ हल्का सा मेरे हाथ से टच हुआ, मैंने कुछ नहीं बोला!
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरे हाथ पर हाथ रख दिया, मै गबरा गया की ये क्या हो रहा हैं!
मैंने ऐसे जताया जैसे कुछ हुआ ही नहीं, और फिर वो मेरे हाथ पर हाथ रगड़ने लगी!
मैंने उनकी तरफ देखा और उन्होंने मेरी तरफ कामुक निगाहो से देखा!
मुझे लगा वो मेरे देखते ही हाथ हटा लेंगी पर उन्होंने हाथ फेरना चालू रखा!
उन्होंने मेरी जांग पर हाथ फेरा और कहा ठंड बहुत हो रही है न? मैंने कहा हां, फिर उन्होंने मेरे लंड को बहार से पकड़ा और धीरे से मेरे कान में कहा गर्मी दू?
उन्होंने अपने हाथ और मेरे लंड को कपडे से साफ़ किया और कहा इसे साइड रख दो अभी काम आएगा! इसका मतलब अभी भाभी की आग नहीं भुजी थी, वो और करना चाहती थी!
हमारी सीट पर हम दो ही थे और दोनों कम्बल में अच्छे से पैक थे! भाभी के पाजामे का नाड़ा खुला ही था तो उन्होंने तरफ पीठ करके अपने पाजामे को गांड तक उतार दिया!
मैंने हाथ लगाया तो गांड पर भी रोंगटे खड़े थे और भाभी ने मुझे ऐसे सोने को कहा! मैं समज गया वो पैर मोड़कर मेरी तरफ गांड करके सोई और मैं उनकी गांड पर लंड टिकाकर लेट गया!
हम दोनों कम्बल के अंदर थे और कोई देखता तब भी उसका शक नहीं जाता और ऊपर से अँधेरा! मैं उनकी मस्त गांड पर हाथ फेर रहा था और वो मेरे लंड को सहलाकर खड़ा कर रही थी!
कुछ देर में मेरा खड़ा हो गया और भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत में घुसाने लगी!
हमारी पोजीशन थोड़ी टेडी मेडी थी इसलिए चूत में लंड डालने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी और आखिर में लंड घुसा एकदम से और भाभी की हलकी सी आवाज निकली उह्ह्ह की!
मैंने भाभी के मुँह पर हाथ रखा और उनकी आवाज बंद कराई और पीछे से उन्हें चोदने लगा!
पोजीशन की वजह से चूत टाइट हो रखी थी और मारने में मजा आने लगा था! मेरा हाथ उनके चुचे से होकर उनकी चूत और गांड हर जगह जा रहा था!
धीरे धीरे चुदाई चल रही थी और पारा दोनों का गरम हो रहा था!
भाभी पीछे मुंडी करके मुझे देखने लगी और मने उन्हें चूमना शुरू करदिया!
मेरा हाथ उनके सूट को पूरा ऊपर और सलवार को लगभग उतार चूका था!
मैं अब चरम सीमा पर आ चुका था और जोर जोर से चुदाई लगा !
मेरे पैर उनके पैर को पूरा सेहला रहे थे और वो भी मदहोश हो रही थी!
मेरा हाथ उनके निप्पल को जोर से खिंच रहा था मानो मैं उन्हें बहार निकलना चाहता हूँ!
मैं कभी उनके मुँह में अपनी ऊँगली दे रहा था और कभी उनकी चूत में!
मदहोशी में इतना डूब गए की मैंने उनके कंधे पर जोर से काट लिया और वो मदहोशी में इतना डूब गयी की उनका सलवार पूरा उतर चूका था और वो ट्रैन की ज़मीन पर गिर चूका था!
मैं अपनी चरम सीमा पर आ गया था और चुदाई तेज करने लगा, सब सो रहे थे , ट्रैन तेज चल रही थी, मैंने भी अपना इंजन तेजी से दौड़ाना शुरू करदिया और आखिर में मेरा सारा माल उनकी चूत में गिर गया!
अब जाकर संतुष्टि मिली और ट्रैन की गति भी अब धीर होने लगी थी! भाभी कपडे से दोनों की लिंग साफ़ कर रही थी, फिर हम बैठ गए और ट्रैन की ज़मीन पर देखा तो भाभी की सलवार तो कंभल से निकल कर बहार गिरी हुई थी!
भाभी ने एकदम से वो उठाया और अंदर ही अंदर पहन लिया! शुक्र हैं किसी ने सलवार नहीं देखि!
हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किया वाशरूम जाकर सफाई करी!
उसके बाद हम दोनों बैठकर ख़ुशी से मुस्करा रहे थे! फिर एक्सचेंज किया और पुरे रस्ते को हाथ पकड़ कर पूरा किया!
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी इस अपने दोस्तों के साथ शेयर करे, उनसे जिनकी ट्रैन में चुदाई फैंटसी हैं जिन्होंने सच में ऐसा किया हैं!
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